तपूर्व इंडोचीन प्रायद्वीप में सर्वप्राचीन भारतीय उपनिवेश की स्थापना फूनान प्रदेश में प्रथम शती ई. के लगभग हुई थी। लगभग 600 वर्षों तक फूनान ने इस प्रदेश में हिंदू संस्कृति का प्रचार एवं प्रसार करने में महत्वपूर्ण योग दिया। हाँ के निवासियों का धर्म, उनकी संस्कृति एवं सभ्यता, साहित्यिक परंपराएँ, वास्तुकला और भाषा-सभी पर भारतीयता की अमिट छाप थी जिसके दर्शन आज भी कंबोज के दर्शक को अनायास ही हो जाते हैं। कंबोडिया की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से वस्त्र उद्योग, पर्यटन एवं निर्माण उद्योग पर आधारित है।
इसकी पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर स्याम तथा लाओ और पूर्वी सीमा पर दक्षिणी वियतनाम देश हैं। दक्षिण-पश्चिम भाग स्याम की खाड़ी का तट है। कंबोडिया तश्तरी के आकर की एक घाटी है जिसे चारों ओर से पर्वत घेरे हुए हैं। घाटी में उत्तर से दक्षिण की ओर मीकांग नदी बहती है। पशुपालन का व्यवसाय विकासोन्मुख है। पर्याप्त जनसंख्या मछली पकड़कर अपनी जीविका अर्जित करती है। चावल और मछली कंबोडिया की प्रमुख निर्यात की वस्तुएँ हैं। इस देश का एक विस्तृत भाग बहुमूल्य वनों से आच्छादित है। मीकांग और टोनलेसाप के संगम पर स्थित प्नॉम पेन कंबोडिया की राजधानी है। बड़े-बड़े जलयान इस नगर तक आते हैं। यह नगर कंबोडिया की विभिन्न भागों से सड़कों द्वारा जुड़ा है।
राजेंद्रवर्मन् के एक विशाल अभिलेख का केवल एक अंश यहाँ प्रस्तुत है जिसमें शिव की वंदना की गई है :
रूपं यस्य नवेन्दुमंडितशिखं त्रय्या: प्रतीतं परं
बीजं ब्रह्महरीश्वरोदयकरं भिन्नं कलाभिस्त्रिधा।
साक्षारदक्षरमामनन्ति मुनयो योगोधिगम्यं नमस्
संसिद्ध्यै प्रणवात्मने भगवते तस्मै शिवायास्तु वम्।।
राजधानी: नॉम पेन्ह
डायलिंग कोड: 855
मुद्रा: कम्बोडियन Riel
राजा: नोरोदोम सिहामोनी
राजभाषा: खमेर भाषा
क्षेत्रफल कुल: १८१,०३५ किमी
जनसंख्या २००८ अनुमान: १४,२४१,६४०
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