दिल टूटा है? प्यार ढूंढ रहे हैं? ऐसे समय में आपका स्मार्टफोन या
लैपटॉप आपके काम आ सकता है। पुरानी कहानियों में क्यूपिड या कामदेव के तीर
किसी के दिल में दूसरों के लिए आकर्षण जगाते थे। नए दौर में यह काम
टेक्नॉलजी ने संभाल लिया है। आज कई ऐप और वेबसाइट्स हैं जो किसी 'खास' की
तलाश में जुटे आशिकों के लिए ही बने हैं।
कई नए खिलाड़ी दिल की जमीन पर फायदे का बिजनस खड़ा कर रहे हैं। इन बिजनस का जोर लोगों को सच्चा साथी खोजने या ब्रेकअप से उबरने में मदद करना है। ये नए वेंचर्स करीब रहने वाले सिंगल लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि अवांछित लोग उन्हें परेशान न करें। अगर बात नहीं बनी तो दिल के घाव पर मरहम का भी इंतजाम है।
क्रश
इस साल वैलंटाइंस डे पर लॉन्च हुए ऐप 'क्रश' के को-फाउंडर रजत राव का कहना है कि उन्हें यह ऐप लाने की प्रेरणा अपने ही अनुभवों से मिली। राव का कहना है कि अपने दोस्तों से उनकी पहचान वाली लड़कियों से मुलाकात कराने को कहना बेहद मुश्किल होता था। बेंगलुरु के राव परड्यू यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं। क्रश में यूजर अपनी सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल के जरिए लॉग-इन कर सकते हैं।
टिंडर
टिंडर में भी लोग सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल के जरिए लॉग-इन करते हैं। कैलिफॉर्निया के जस्टिन मटीन और सॉन रैड का यह ऐप सिंगल्स को 100 किमी के दायरे में साथी खोजने में मदद करता है। अगर दो लोग एक-दूसरे के प्रति रुचि दिखाते हैं तो यह ऐप दोनों की मुलाकात करा देता है।
फ्लो
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया में काम कर चुके सिद्धार्थ ने सिंगल्स नेटवर्क फ्लो शुरू किया है। सिद्धार्थ को यह आइडिया पांच साल पहले आया जब वह अपनी होने वाली पत्नी से पहली बार एक पनीर टेस्ट करने की एक वर्कशॉप में मिले। उनका मानना है कि लोग एक जैसी रुचियों के कारण ही साथ आते हैं। तीन साल पुरानी उनकी कंपनी वीकेंड इवेंट्स ऑर्गनाइज करती है और सिंगल युवाओं के लिए डिनर अरेंज करती है। पिछले साल इसकी कमाई 1.2 करोड़ रुपये के करीब है। पिछले तीन साल में फ्लो के जरिए मिले 40 कपल्स की शादियां हुई हैं।
ट्रूली मैडली
हितेश धींगरा ने 2012 में ट्रूली मैडली की स्थापना की थी जो एक अलगोरिदम के जरिए लोगों को मैच करता है। इसके सेफ्टी फीचर में इससे कोई ऐसा शख्स नहीं जुड़ सकता जिसका फेसबुक स्टेटस मैरिड हो और जिसके 50 से कम फ्रेंड हों। इस साल वैलंटाइंस डे पर लॉन्च हुई इस साइट से अब तक 5000 लोग जुड़े चुके हैं।
ब्रेकअप ऑनलाइन डॉट कॉम
इतने काम के ऐप्स और साइट्स के बाद भी बात न बने तो भी घबराएं नहीं। ऐसे लोगों के लिए ब्रेकअप हेल्पलाइन डॉट कॉम है। यह एक ऐसी हेल्पलाइन है जो टूटे दिल वालों के लिए कई सेवाएं मुहैया कराती है। इसमें ऐसे दिलजलों को फूल, गिफ्ट और नोट्स भेजना, फिल्मों के टिकट दिलाना शामिल है। साथ ही इसमें दिन भर बात करने के लिए एक शख्स की भी सर्विस मिलती है। इस स्टार्टअप के पीछे भी निजी एक्सीपीरियंस का अहम रोल है। ब्रेकअप से गुजर रहे अंकित अनुभव को जब गम बांटने को कोई नहीं मिला तो उन्हें यह सर्विस शुरू करने का आइडिया आया।
कई नए खिलाड़ी दिल की जमीन पर फायदे का बिजनस खड़ा कर रहे हैं। इन बिजनस का जोर लोगों को सच्चा साथी खोजने या ब्रेकअप से उबरने में मदद करना है। ये नए वेंचर्स करीब रहने वाले सिंगल लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि अवांछित लोग उन्हें परेशान न करें। अगर बात नहीं बनी तो दिल के घाव पर मरहम का भी इंतजाम है।
क्रश
इस साल वैलंटाइंस डे पर लॉन्च हुए ऐप 'क्रश' के को-फाउंडर रजत राव का कहना है कि उन्हें यह ऐप लाने की प्रेरणा अपने ही अनुभवों से मिली। राव का कहना है कि अपने दोस्तों से उनकी पहचान वाली लड़कियों से मुलाकात कराने को कहना बेहद मुश्किल होता था। बेंगलुरु के राव परड्यू यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं। क्रश में यूजर अपनी सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल के जरिए लॉग-इन कर सकते हैं।
टिंडर
टिंडर में भी लोग सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल के जरिए लॉग-इन करते हैं। कैलिफॉर्निया के जस्टिन मटीन और सॉन रैड का यह ऐप सिंगल्स को 100 किमी के दायरे में साथी खोजने में मदद करता है। अगर दो लोग एक-दूसरे के प्रति रुचि दिखाते हैं तो यह ऐप दोनों की मुलाकात करा देता है।
फ्लो
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया में काम कर चुके सिद्धार्थ ने सिंगल्स नेटवर्क फ्लो शुरू किया है। सिद्धार्थ को यह आइडिया पांच साल पहले आया जब वह अपनी होने वाली पत्नी से पहली बार एक पनीर टेस्ट करने की एक वर्कशॉप में मिले। उनका मानना है कि लोग एक जैसी रुचियों के कारण ही साथ आते हैं। तीन साल पुरानी उनकी कंपनी वीकेंड इवेंट्स ऑर्गनाइज करती है और सिंगल युवाओं के लिए डिनर अरेंज करती है। पिछले साल इसकी कमाई 1.2 करोड़ रुपये के करीब है। पिछले तीन साल में फ्लो के जरिए मिले 40 कपल्स की शादियां हुई हैं।
ट्रूली मैडली
हितेश धींगरा ने 2012 में ट्रूली मैडली की स्थापना की थी जो एक अलगोरिदम के जरिए लोगों को मैच करता है। इसके सेफ्टी फीचर में इससे कोई ऐसा शख्स नहीं जुड़ सकता जिसका फेसबुक स्टेटस मैरिड हो और जिसके 50 से कम फ्रेंड हों। इस साल वैलंटाइंस डे पर लॉन्च हुई इस साइट से अब तक 5000 लोग जुड़े चुके हैं।
ब्रेकअप ऑनलाइन डॉट कॉम
इतने काम के ऐप्स और साइट्स के बाद भी बात न बने तो भी घबराएं नहीं। ऐसे लोगों के लिए ब्रेकअप हेल्पलाइन डॉट कॉम है। यह एक ऐसी हेल्पलाइन है जो टूटे दिल वालों के लिए कई सेवाएं मुहैया कराती है। इसमें ऐसे दिलजलों को फूल, गिफ्ट और नोट्स भेजना, फिल्मों के टिकट दिलाना शामिल है। साथ ही इसमें दिन भर बात करने के लिए एक शख्स की भी सर्विस मिलती है। इस स्टार्टअप के पीछे भी निजी एक्सीपीरियंस का अहम रोल है। ब्रेकअप से गुजर रहे अंकित अनुभव को जब गम बांटने को कोई नहीं मिला तो उन्हें यह सर्विस शुरू करने का आइडिया आया।
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